tag:blogger.com,1999:blog-3433391851965771223.post5194151001400796171..comments2023-03-27T06:43:28.925-07:00Comments on चायघर: चाल चेहरा चरित्रब्रजेशhttp://www.blogger.com/profile/03571247789113260736noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-3433391851965771223.post-46956957249958240582009-01-11T07:35:00.000-08:002009-01-11T07:35:00.000-08:00good postgood postMeenu Kharehttps://www.blogger.com/profile/12551759946025269086noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3433391851965771223.post-37949450454404549142009-01-09T21:58:00.000-08:002009-01-09T21:58:00.000-08:00ब्रजेश भाई, बिल्ली के गले में घण्टी तो हमीं को ब...ब्रजेश भाई, बिल्ली के गले में घण्टी तो हमीं को बांधनी होगी। यह सच है कि हममें से बहुत लोगों के अंदर लाखों की नौकरी पाने का सपना रहता है लेकिन यह भी तो समझना होगा कि उन चन्द नौकरियों तक कुछ लोग ही पहुंचेंगे। और जो पहुंचेंगे जरूरी नहीं कि वो सिर्फ अपनी काबिलियत के दम पर पहुंच जायें। इसलिए फौरी तौर पर ये सवाल जमीनी पत्रकारिता करने वाले हमआप जैसे हजारों युवा पत्रकारों के अधिकारों का है। अगर इस पेशे में जिंदगी गुजारनी है तो यह सोचना पड़ेगा कि सर उठा कर नौकरी करेंगे या जैसे चल रहा है वैसे स्वीकार कर लेंगे, वैसे मीडिया में हम जैसे पत्रकारों की हालत पर मोहल्ला में समरेंद्र ने लिखा था, शायद आपने भी पढ़ा होगा। मेरा मानना है कि हमें भागना नहीं चाहिए और एकजुट होकर डटकर रहना चाहिए। आपका क्या ख्याल है्...Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3433391851965771223.post-63156166125136833802009-01-09T12:42:00.000-08:002009-01-09T12:42:00.000-08:00इतनी बेशर्मी की बाते लेकिन फ़िर भी इन्हे शर्म नही आ...इतनी बेशर्मी की बाते लेकिन फ़िर भी इन्हे शर्म नही आती....<BR/>धन्यवादराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3433391851965771223.post-69439266568982409132009-01-09T06:04:00.000-08:002009-01-09T06:04:00.000-08:00बहुत खूब बृजेश जी आपने तो कमाल कर दिया खबर क्या खब...बहुत खूब बृजेश जी आपने तो कमाल कर दिया खबर क्या खबर का मुरब्बा बना कर पेश कर दिया... लगे रहो... बधाई....योगेश समदर्शीhttps://www.blogger.com/profile/05774430361051230942noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3433391851965771223.post-72849093347579631172009-01-09T05:23:00.000-08:002009-01-09T05:23:00.000-08:00ऐसे ही अनेकों संकट ही संकट हैं.ऐसे ही अनेकों संकट ही संकट हैं.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.com